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bharat ke 50 traditional modern clothes hindi

 

भारत में बोले और पहने जाने वाले 50 कपड़ों की कैटेगरी 

bharat ke 50 traditional modern clothes

भारत हमेशा से अपनी विविधता के लिए जाना जाता है। यहाँ की बोली, भाषा, खाना और पहनावा – सब कुछ प्रदेश बदलते ही बदल जाता है। अगर आप उत्तर भारत जाएंगे तो वहाँ के लोग आपको कुर्ता-पायजामा, धोती या शेरवानी में दिखेंगे। वहीं दक्षिण भारत में लुंगी और मुंडू जैसे कपड़े रोज़मर्रा का हिस्सा हैं। पूर्वोत्तर भारत की ओर नज़र डालें तो वहाँ की महिलाओं के लिए खास परिधान ‘मेख़ला-चादर’ उनकी पहचान है। इसी तरह राजस्थान में घाघरा-चोली और गुजरात में चनिया-चोली लोक पहनावे के रूप में पहने जाते हैं।

असल में भारत में कपड़े सिर्फ शरीर ढकने का साधन नहीं हैं, बल्कि ये संस्कृति और परंपरा का आईना हैं। शादी-ब्याह हो, त्योहार हो या कोई धार्मिक आयोजन – हर मौके के लिए यहाँ खास कपड़े मौजूद हैं। उदाहरण के लिए शादी में पुरुष शेरवानी और महिलाएं साड़ी या लहंगा पहनती हैं, जबकि रोज़मर्रा की ज़िंदगी में शर्ट, टी-शर्ट, जीन्स और सलवार-कमीज़ सबसे ज़्यादा चलन में रहते हैं।

भारत में मौसम भी कपड़ों पर बड़ा असर डालता है। गर्मियों में लोग कॉटन और लिनन के हल्के कपड़े पसंद करते हैं, वहीं सर्दियों में स्वेटर, जैकेट और शॉल की अहमियत बढ़ जाती है। बरसात के मौसम में रेनकोट और गमछा हर घर की ज़रूरत बन जाते हैं।

आज के दौर में मॉडर्न फैशन और परंपरा दोनों का मेल दिखता है। युवा पीढ़ी अक्सर वेस्टर्न आउटफिट्स जैसे टी-शर्ट, जीन्स और ट्रैकसूट पहनती है, लेकिन त्योहारों और खास मौकों पर वही लोग कुर्ता-पायजामा या धोती-साड़ी पहनकर अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं। यही वजह है कि भारत के कपड़े कभी पुराने नहीं होते, बल्कि हर समय नए अंदाज़ में लौट आते हैं।

यानी अगर सरल शब्दों में कहें तो भारत में पहनावा हमारी पहचान, संस्कृति और जीवनशैली का ज़रूरी हिस्सा है। गाँवों से लेकर शहरों तक, हर जगह कपड़े लोगों की सोच, परंपरा और फैशन को दर्शाते हैं। यही कारण है कि भारत में कपड़ों की कैटेगरी इतनी बड़ी और रंग-बिरंगी है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि भारत में कौन-कौन से 50 कपड़े बोले और पहने जाते हैं, जो आज भी लोगों की ज़िंदगी का अहम हिस्सा हैं।

1. शर्ट (Shirt)

शर्ट शायद आज की तारीख में भारत में सबसे ज़्यादा पहना जाने वाला कपड़ा है। चाहे आप किसी ऑफिस में जाइए, कॉलेज में पढ़िए, या फिर किसी शादी-पार्टी में, शर्ट हर जगह फिट बैठती है। इसकी खासियत ही यही है कि ये एक ऐसा परिधान है जिसे आप फॉर्मल भी बना सकते हैं और कैज़ुअल भी। उदाहरण के लिए, सफेद या हल्के रंग की कॉटन शर्ट पहनकर आप इंटरव्यू देने जा सकते हैं, वहीं चेक्स या प्रिंटेड शर्ट पहनकर दोस्तों की पार्टी में स्मार्ट दिख सकते हैं।

गाँव और छोटे कस्बों में भी शर्ट का क्रेज कम नहीं है। पहले लोग सिर्फ सादी सफेद शर्ट पहनते थे, लेकिन आज मार्केट में तरह-तरह के डिज़ाइन और कलर की शर्ट्स आसानी से मिल जाती हैं। गर्मियों में कॉटन और लिनन की शर्ट सबसे आरामदायक मानी जाती है, जबकि सर्दियों में मोटे कपड़े की फुल स्लीव शर्ट काम आती है।

शर्ट की एक और खासियत यह है कि यह किसी भी बॉटम वियर (नीचे पहने जाने वाले कपड़े) के साथ मैच हो जाती है। चाहे जीन्स हो, पैंट हो या फिर धोती-पायजामा – शर्ट हर कॉम्बिनेशन में जम जाती है। यही कारण है कि शर्ट को भारत में “ऑल टाइम फैशन” कहा जा सकता है।

2. टी-शर्ट (T-shirt)

टी-शर्ट को अगर आज की युवा पीढ़ी का सबसे पसंदीदा कपड़ा कहा जाए तो गलत नहीं होगा। इसकी सबसे बड़ी खूबी है इसका आरामदायक होना। ढीली-ढाली और हल्की टी-शर्ट पहनकर इंसान पूरे दिन आसानी से घूम-फिर सकता है। यही वजह है कि कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट्स, ऑफिस में काम करने वाले युवक और यहां तक कि बच्चे भी टी-शर्ट पहनना पसंद करते हैं।

टी-शर्ट कई तरह की स्टाइल में मिलती हैं – जैसे राउंड नेक, वी-नेक, कॉलर वाली पोलो टी-शर्ट, और आजकल तो ओवरसाइज़्ड टी-शर्ट का भी बहुत ट्रेंड चल रहा है। इसमें प्रिंटेड डिज़ाइन और स्लोगन वाली टी-शर्ट भी काफी पॉपुलर हैं, जो युवाओं की पर्सनालिटी को और अलग बनाती हैं।

गर्मियों में कॉटन की टी-शर्ट सबसे ज़्यादा पहनी जाती है क्योंकि यह पसीना सोखती है और शरीर को ठंडा रखती है। वहीं सर्दियों में हुडी स्टाइल वाली मोटी टी-शर्ट ट्रेंड में रहती है। खास बात ये है कि टी-शर्ट हर उम्र और हर जेंडर के लिए परफेक्ट है। आप बच्चे से लेकर बूढ़े तक किसी को भी टी-शर्ट पहने देख सकते हैं।

3. कुर्ता (Kurta)

कुर्ता भारतीय परंपरा का सबसे अहम हिस्सा है। यह सिर्फ एक कपड़ा नहीं, बल्कि संस्कृति की पहचान है। शादी-ब्याह, त्योहार या फिर कोई धार्मिक आयोजन हो – कुर्ता हमेशा खास मौकों पर पहनने का पहला चुनाव रहता है। कुर्ते के साथ लोग पायजामा, धोती या जीन्स तक पहन लेते हैं, और हर स्टाइल में यह शानदार दिखता है।

कुर्ता अलग-अलग कपड़ों से बनता है – जैसे कॉटन, सिल्क, लिनन या पॉलिस्टर। गर्मियों में हल्के कॉटन के कुर्ते सबसे आरामदायक रहते हैं, वहीं शादी या पार्टी में सिल्क या जरी वाला कुर्ता खूब पसंद किया जाता है। आजकल डिज़ाइनर कुर्तों का भी खूब चलन है जिन पर हल्की कढ़ाई या प्रिंट होते हैं।

कुर्ते का सबसे अच्छा पहलू यह है कि यह पहनने में बहुत आसान और आरामदायक है। गांवों में इसे रोज़मर्रा के कपड़े की तरह पहना जाता है, जबकि शहरों में यह अब फैशन स्टेटमेंट बन चुका है। यहां तक कि बॉलीवुड के कई सितारे भी कुर्ता-जीन्स कॉम्बिनेशन में नज़र आते हैं।

4. धोती (Dhoti)

धोती भारतीय परंपरा का सबसे पुराना और क्लासिक परिधान है। इसे भारत के ग्रामीण इलाकों में आज भी लोग रोज़ पहनते हैं। हालांकि शहरों में यह ज़्यादातर धार्मिक आयोजनों, त्योहारों और शादियों में पहनी जाती है। धोती की खासियत है कि यह बिना सिलाई का कपड़ा है, जिसे अलग-अलग तरह से लपेटकर पहना जाता है।

धोती पहनना थोड़ा अभ्यास मांगता है, लेकिन एक बार सही से पहनना आ जाए तो यह बेहद आरामदायक होती है। यह कपड़े की सादगी और भारतीयता की झलक दिखाती है। आजकल कई जगहों पर स्टाइलिश और रेडीमेड धोती भी मिलने लगी हैं, जिन्हें पहनना आसान होता है।

उत्तर भारत, बिहार, यूपी और मध्य प्रदेश में धोती का खूब चलन रहा है। वहीं दक्षिण भारत में इसे ‘मुंडू’ कहा जाता है। शादी और पूजा में सफेद या पीली धोती खास अहमियत रखती है। यह परिधान भारतीय संस्कृति की शान है और आने वाली पीढ़ियों तक इसकी पहचान बनी रहेगी।

5. लुंगी (Lungi)

लुंगी को भारत का सबसे आरामदायक देसी पहनावा कहा जा सकता है। यह खासकर दक्षिण भारत, बंगाल और पूर्वी राज्यों में बहुत लोकप्रिय है। लुंगी एक चौड़ा कपड़ा होता है जिसे कमर पर लपेटा जाता है। इसे घर पर, खेतों में काम करते समय या गर्मियों में पहनना सबसे आरामदायक माना जाता है।

लुंगी की सबसे बड़ी खासियत है कि यह हल्की होती है और गर्म मौसम में ठंडक देती है। गांवों में इसे रोज़ पहनने का रिवाज़ है। वहीं आजकल डिज़ाइनर प्रिंटेड लुंगी भी मार्केट में आ गई हैं, जिन्हें लोग फैशन और स्टाइल के लिए भी पहनते हैं।

कई जगहों पर लुंगी को मज़ाक में भी लिया जाता है, लेकिन सच्चाई यह है कि यह भारतीय जीवनशैली का अहम हिस्सा है। इसे पहनकर न सिर्फ आराम मिलता है बल्कि यह हमारी देसी पहचान को भी जीवित रखती है।

6. पैंट / पतलून (Pant / Trousers)

पैंट या पतलून आज के समय में हर इंसान की ज़रूरत बन चुकी है। ऑफिस जाना हो, स्कूल-कॉलेज का ड्रेस कोड हो या रोज़मर्रा की ज़िंदगी – पैंट हर जगह सबसे ज़्यादा पहनी जाती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह सुविधाजनक और स्मार्ट दिखने वाला कपड़ा है।

भारत में पहले पैंट को सिर्फ फॉर्मल मौकों पर पहना जाता था, लेकिन अब यह हर मौके के लिए अपनाया जाने लगा है। पैंट कई तरह की होती है – जैसे फॉर्मल पैंट, कैज़ुअल पैंट, चिनोज़ और कार्गो पैंट। ऑफिस के लिए आमतौर पर गहरे रंग की फॉर्मल पैंट पहनी जाती है, जबकि कॉलेज जाने वाले युवाओं को हल्के और स्टाइलिश डिज़ाइन वाली पैंट ज्यादा पसंद आती है।

आजकल स्ट्रेच वाली पैंट भी काफी लोकप्रिय हो गई है, क्योंकि यह पहनने में आरामदायक होती है और लंबे समय तक पहनने पर भी तकलीफ़ नहीं देती। इसके अलावा गांवों में भी लोग शर्ट या कुर्ते के साथ पतलून पहनने लगे हैं। यह आधुनिकता और परंपरा का अच्छा मेल बन गई है।

7. जीन्स (Jeans)

जीन्स को युवाओं की पहचान माना जाता है। इसका क्रेज़ सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं, बल्कि गाँव-कस्बों तक पहुँच चुका है। जीन्स की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह टिकाऊ और हर मौके के लिए उपयुक्त होती है। इसे बार-बार धोने की ज़रूरत नहीं पड़ती और लंबे समय तक चलती है।

डेनिम कपड़े से बनी जीन्स आज फैशन का दूसरा नाम है। इसमें स्किनी फिट, स्लिम फिट, स्ट्रेट कट और बैगी स्टाइल जैसी कई वैरायटी मिलती हैं। लड़के हों या लड़कियाँ – जीन्स हर किसी की अलमारी में ज़रूर मिल जाएगी।

टी-शर्ट के साथ जीन्स तो क्लासिक कॉम्बिनेशन है ही, लेकिन इसे शर्ट और कुर्ते के साथ भी पहना जाता है। यही वजह है कि जीन्स को "यूनिवर्सल ड्रेस" कहा जाता है। यह आज की पीढ़ी का सबसे ज़्यादा पहना जाने वाला कपड़ा है और आने वाले समय में भी इसका ट्रेंड कभी आउट ऑफ फैशन नहीं होगा।

8. शेरवानी (Sherwani)

शेरवानी भारतीय पुरुषों का शाही पहनावा है। शादी-ब्याह या खास मौकों पर इसे पहनना मान और सम्मान की बात मानी जाती है। शेरवानी आमतौर पर घुटनों तक लंबी होती है और इसके साथ चूड़ीदार पायजामा या सलवार पहनी जाती है।

इसकी खासियत है इसका भारी और रॉयल लुक। इसमें ज़री का काम, ब्रोकेड, सिल्क और कढ़ाई का डिज़ाइन सबसे ज़्यादा पसंद किया जाता है। दूल्हे की शादी का लिबास शेरवानी ही माना जाता है। यह व्यक्ति की पर्सनालिटी को अलग ही अंदाज़ में निखार देती है।

आजकल डिज़ाइनर शेरवानी भी काफी चलन में है जिसमें आधुनिक और पारंपरिक दोनों तरह के डिज़ाइन का मेल होता है। यही वजह है कि शेरवानी को भारतीय संस्कृति का “रॉयल आउटफिट” कहा जाता है।

9. नेहरू जैकेट (Nehru Jacket)

नेहरू जैकेट भारत का एक खास पारंपरिक परिधान है, जो कुर्ते या शर्ट के ऊपर पहना जाता है। इसे "बंडी" या "वेस्टकोट" भी कहा जाता है। इसकी खासियत है इसका सादा लेकिन क्लासिक लुक।

शादी, त्योहार या किसी आधिकारिक समारोह में नेहरू जैकेट पहनना आम हो गया है। यह पहनने वाले को स्मार्ट और गरिमामय व्यक्तित्व देता है। कपड़े की बात करें तो कॉटन, सिल्क और लिनन की नेहरू जैकेट सबसे ज़्यादा पसंद की जाती हैं।

युवाओं में भी नेहरू जैकेट का क्रेज बढ़ रहा है क्योंकि यह कुर्ते के साथ-साथ जीन्स और शर्ट पर भी खूब जंचती है। इसे फॉर्मल और पारंपरिक दोनों तरह से पहना जा सकता है।

10. ब्लेज़र / कोट (Blazer / Coat)

ब्लेज़र या कोट को भारत में फॉर्मल ड्रेस का हिस्सा माना जाता है। यह खासतौर पर ऑफिस, बिज़नेस मीटिंग और शादी जैसे मौकों पर पहना जाता है। सर्दियों में यह गर्म रखने के साथ-साथ फैशन स्टेटमेंट भी बन जाता है।

ब्लेज़र कई तरह के होते हैं – जैसे सिंगल बटन, डबल बटन और ओवरकोट। गहरे रंग के ब्लेज़र फॉर्मल मौकों पर सबसे ज़्यादा पहने जाते हैं, जबकि हल्के रंग और प्रिंटेड ब्लेज़र पार्टी या कैज़ुअल लुक के लिए बेहतर रहते हैं।

आजकल युवा ब्लेज़र को जीन्स और टी-शर्ट के साथ पहनना पसंद करते हैं, जिससे यह एक मॉडर्न और स्टाइलिश आउटफिट बन जाता है। यह पहनने वाले को आत्मविश्वास और अलग ही पर्सनालिटी देता है।

11. स्वेटर (Sweater)

सर्दियों का नाम आते ही सबसे पहले जिस कपड़े की याद आती है, वह है स्वेटर। यह सिर्फ ठंड से बचाने का साधन नहीं बल्कि फैशन का हिस्सा भी बन चुका है। स्वेटर अलग-अलग डिज़ाइन और पैटर्न में मिलते हैं – जैसे वी-नेक, राउंड नेक, कार्डिगन और पुलओवर।

गाँव हो या शहर, स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर बुज़ुर्ग तक, हर कोई सर्दियों में स्वेटर पहनता है। खासकर हाथ से बुने हुए ऊनी स्वेटर की तो अपनी ही अहमियत होती है। इन्हें पहनकर न केवल गर्मी मिलती है, बल्कि यह घरेलू प्यार और अपनापन भी दर्शाते हैं।

आजकल मार्केट में स्टाइलिश और डिज़ाइनर स्वेटर भी आ गए हैं, जिन्हें पार्टी या फॉर्मल मौकों पर भी पहना जा सकता है। स्वेटर की खासियत यह है कि यह हल्का होता है और शरीर को अच्छी तरह ढककर ठंड से बचाता है।

12. जैकेट (Jacket)

जैकेट सर्दियों का सबसे पॉपुलर फैशन आइटम है। यह न सिर्फ गर्मी देता है बल्कि पहनने वाले को स्टाइलिश और स्मार्ट लुक भी देता है। जैकेट कई तरह की होती हैं – जैसे लेदर जैकेट, डेनिम जैकेट, बॉम्बर जैकेट और विंडचीटर।

भारत में युवा वर्ग खासकर लेदर और डेनिम जैकेट को सबसे ज़्यादा पसंद करता है। इसे जीन्स, टी-शर्ट या फिर शर्ट के ऊपर आसानी से पहना जा सकता है। वहीं गांवों और छोटे कस्बों में ऊनी जैकेट और सिंपल ज़िप वाली जैकेट ज़्यादा चलती है।

जैकेट की खासियत है कि यह ट्रेंडी होने के साथ-साथ हर उम्र के लोगों को सूट करती है। आजकल तो डिज़ाइनर जैकेट शादी और खास मौकों पर भी पहनी जाने लगी हैं।

13. हुडी (Hoodie)

हुडी आज के युवाओं की पहली पसंद है। इसका कारण है कि यह बेहद आरामदायक और कूल लुक देती है। हुडी एक तरह की स्वेटशर्ट होती है, जिसमें टोपी जैसी कैप लगी होती है। इसे कैज़ुअल पहनावे के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।

हुडी के साथ जीन्स या ट्रैक पैंट पहनकर एकदम स्टाइलिश और मॉडर्न लुक आता है। कॉलेज जाने वाले लड़के-लड़कियाँ खासकर हुडी को बहुत पसंद करते हैं। मार्केट में आजकल प्रिंटेड और ओवरसाइज़्ड हुडी भी काफी ट्रेंड में हैं।

ठंड से बचाने के साथ-साथ हुडी का फैशन हर साल और भी बढ़ रहा है। यह इतना पॉपुलर हो चुका है कि अब तो इसे गर्मियों के हल्के कपड़े वाले वर्ज़न में भी बनाया जाने लगा है।

14. ट्रैकसूट (Tracksuit)

ट्रैकसूट को आमतौर पर खेल और एक्सरसाइज़ से जोड़ा जाता है। यह हल्का, आरामदायक और लचीला कपड़ा होता है, जो शरीर की मूवमेंट में कोई रुकावट नहीं आने देता। यही वजह है कि जिम जाने वाले या सुबह की सैर करने वाले लोग ट्रैकसूट पहनना पसंद करते हैं।

ट्रैकसूट ज्यादातर पॉलिस्टर, नायलॉन या कॉटन ब्लेंड से बनते हैं। यह सर्दियों में हल्की गर्माहट भी देते हैं और पसीना भी सोखते हैं। भारत में अब ट्रैकसूट सिर्फ खेल तक सीमित नहीं रहे, बल्कि कैज़ुअल फैशन का हिस्सा भी बन गए हैं।

आजकल कई लोग ट्रैकसूट को एयरपोर्ट लुक या फिर घर पर आराम के लिए भी पहनते हैं। यह कपड़ा जितना स्टाइलिश है उतना ही आरामदायक भी है।

15. शॉर्ट्स (Shorts / Half Pant)

शॉर्ट्स या हाफ पैंट भारत में खासकर गर्मियों और कैज़ुअल मौकों के लिए सबसे ज़्यादा पहना जाता है। यह हल्का और आरामदायक होता है, इसलिए बच्चे, युवा और यहां तक कि बुज़ुर्ग भी घर पर या बाहर इसे पहनना पसंद करते हैं।

शॉर्ट्स की खासियत है कि यह ठंडक देता है और ज्यादा मूवमेंट की आज़ादी भी। यही वजह है कि खेल-कूद में खिलाड़ी इसे पहनते हैं। भारत में गांवों में इसे ‘निकर’ भी कहा जाता है।

आजकल स्टाइलिश डेनिम शॉर्ट्स, कार्गो शॉर्ट्स और जॉगिंग शॉर्ट्स भी खूब ट्रेंड में हैं। छुट्टियों पर घूमने जाना हो या दोस्तों के साथ कैज़ुअल मीटिंग – शॉर्ट्स सबसे आसान और आरामदायक विकल्प है।

16. साड़ी (Saree)

साड़ी भारतीय महिलाओं की पहचान कही जाती है। चाहे शादी हो, त्योहार हो या कोई खास पारिवारिक समारोह – साड़ी हर मौके पर सबसे सुंदर और पारंपरिक पहनावा है। साड़ी की खासियत यह है कि यह किसी भी उम्र की महिला पर जंचती है।

भारत में साड़ियों की विविधता इतनी है कि हर राज्य की अपनी खास साड़ी है। जैसे बंगाल की तांत और बालुचरी साड़ी, उत्तर प्रदेश की बनारसी साड़ी, तमिलनाडु की कांजीवरम साड़ी, राजस्थान की बंधेज साड़ी और गुजरात की पटोला साड़ी। हर साड़ी अपने आप में उस क्षेत्र की संस्कृति और परंपरा का परिचय देती है।

आजकल साड़ी को मॉडर्न स्टाइल में भी पहना जाता है, जैसे बेल्ट वाली साड़ी या प्री-स्टिच्ड साड़ी, जिससे यह पहनने में आसान हो जाती है। चाहे दुल्हन का लाल बनारसी लहजा हो या ऑफिस पार्टी के लिए सिल्क साड़ी – भारतीय अलमारी साड़ी के बिना अधूरी मानी जाती है।

17. सलवार सूट (Salwar Suit)

सलवार सूट भारत में सबसे ज़्यादा पहना जाने वाला महिलाओं का पहनावा है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है आराम और सुविधा। रोज़मर्रा की ज़िंदगी से लेकर कॉलेज, ऑफिस और त्योहार तक – सलवार सूट हर जगह फिट बैठता है।

इसमें तीन हिस्से होते हैं – कुर्ता (ऊपरी कपड़ा), सलवार (नीचे का ढीला पायजामा) और दुपट्टा। आजकल सलवार सूट कई डिज़ाइनों में आता है – जैसे पटियाला सूट, पंजाबी सूट, चूड़ीदार सूट और पलाज़ो सूट।

यह ड्रेस हर उम्र की महिलाओं में लोकप्रिय है। गांवों में साधारण कॉटन का सलवार सूट ज़्यादा पहना जाता है, जबकि शहरों में डिज़ाइनर और पार्टी-वियर सूट का चलन है। यह ड्रेस इतनी बहुमुखी है कि इसे भारतीय महिला का "डे-टू-डे आउटफिट" कहा जा सकता है।

18. अनारकली (Anarkali Dress)

अनारकली ड्रेस को शाही और पारंपरिक अंदाज़ का प्रतीक माना जाता है। यह लखनऊ और मुग़लकाल की नज़ाकत की याद दिलाती है। अनारकली ड्रेस में लंबा, फर्श तक झूलता कुर्ता होता है, जिसे चूड़ीदार पायजामे और दुपट्टे के साथ पहना जाता है।

इसका सबसे बड़ा आकर्षण है इसका फ्लेयर। चलते समय यह घेर बनाकर बेहद खूबसूरत लगता है। शादियों और पार्टियों में अनारकली ड्रेस महिलाओं की पहली पसंद होती है। सिल्क, जॉर्जेट, नेट और वेलवेट फैब्रिक में बनी अनारकली ड्रेस आज भी फैशन की दुनिया में ट्रेंड कर रही है।

यह ड्रेस भारतीय परंपरा और मॉडर्न फैशन का बेहतरीन मेल है, इसलिए युवा पीढ़ी में भी इसकी मांग लगातार बनी रहती है।

19. लहंगा-चोली (Lehenga Choli)

लहंगा-चोली भारत का एक बेहद खास पारंपरिक पहनावा है, जो ज्यादातर शादी-ब्याह और त्योहारों में पहना जाता है। दुल्हन की ड्रेस के रूप में लहंगा-चोली सबसे ज़्यादा पसंद की जाती है।

लहंगा एक लंबी, घेरदार स्कर्ट होती है, जिसे चोली (ब्लाउज) और दुपट्टे के साथ पहना जाता है। इसमें भारी कढ़ाई, ज़री, मिरर वर्क और सीक्विन वर्क किए जाते हैं, जिससे यह और भी आकर्षक दिखती है।

राजस्थान और गुजरात में लहंगा-चोली पारंपरिक नृत्य (जैसे गरबा और घूमर) का अहम हिस्सा है। वहीं आधुनिक समय में डिज़ाइनर लहंगे भी काफी ट्रेंड में हैं। यह परिधान महिलाओं को रॉयल और ग्रेसफुल लुक देता है।

20. ब्लाउज (Blouse)

ब्लाउज महिलाओं के परिधान का वह हिस्सा है जो साड़ी या लहंगे के साथ पहना जाता है। यह ऊपरी शरीर को ढकने वाला कपड़ा होता है, लेकिन इसकी डिज़ाइन और फिटिंग पूरे लुक को निखार देती है।

ब्लाउज कई तरह के होते हैं – जैसे बैकलेस ब्लाउज, हाई नेक ब्लाउज, पैडेड ब्लाउज, प्रिंसेस कट और स्लीवलेस ब्लाउज। पुराने समय में ब्लाउज साधारण कपड़े से बनाया जाता था, लेकिन आजकल इसमें भारी कढ़ाई, मिरर वर्क और मॉडर्न कट्स का खूब चलन है।

ब्लाउज को सही तरीके से चुना जाए तो यह साड़ी और लहंगे की खूबसूरती को दोगुना कर देता है। यही वजह है कि ब्लाउज को महिलाओं के फैशन में "स्टाइल स्टेटमेंट" माना जाता है।

21. दुपट्टा / ओढ़नी (Dupatta / Odhni)

दुपट्टा या ओढ़नी भारतीय महिला परिधान का अहम हिस्सा है। चाहे वह सलवार सूट हो, लहंगा-चोली हो या घाघरा – दुपट्टे के बिना ड्रेस अधूरी मानी जाती है। पारंपरिक रूप से दुपट्टा सिर और कंधों को ढकने के लिए पहना जाता है, लेकिन आजकल यह फैशन का हिस्सा भी बन गया है।

राजस्थान और गुजरात की भारी कढ़ाईदार ओढ़नी या बंधेज वाली छपाई की दुपट्टियाँ बेहद प्रसिद्ध हैं। वहीं पंजाब में चमकदार फुलकारी दुपट्टा पहनने का अपना ही अलग अंदाज़ है। शादी-ब्याह में ज़री और मिरर वर्क वाले दुपट्टे सबसे ज़्यादा पसंद किए जाते हैं।

आधुनिक फैशन में दुपट्टा अब कई तरीकों से पहना जाता है – जैसे स्टोल की तरह गले में डालना या वन-साइडेड कैरी करना। दुपट्टा न केवल ड्रेस को पूरा करता है बल्कि उसे शालीन और खूबसूरत भी बनाता है।

22. घाघरा (Ghaghra)

घाघरा भारत का पारंपरिक परिधान है, जो खासकर राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पहना जाता है। यह एक लंबी, घेरदार स्कर्ट होती है, जिसे चोली और ओढ़नी के साथ पहना जाता है। ग्रामीण इलाकों में आज भी महिलाएँ रंग-बिरंगे घाघरे पहनती हैं, जिन पर कढ़ाई और गोटा-पट्टी का काम किया होता है।

त्योहारों और लोक-नृत्यों जैसे गरबा और घूमर में घाघरे की खूबसूरती देखते ही बनती है। इसमें रंग-बिरंगे कपड़े, झूलते घेर और सजावटी काम इसे और भी आकर्षक बनाते हैं।

आजकल डिज़ाइनर घाघरे भी चलन में हैं, जिन्हें लाइटवेट और मॉडर्न टच के साथ बनाया जाता है। यह परिधान न सिर्फ परंपरा को दर्शाता है बल्कि महिलाओं की सुंदरता को भी निखारता है।

23. गाउन (Gown)

गाउन भारतीय महिलाओं की अलमारी का मॉडर्न फैशन आइटम बन चुका है। इसे खास मौकों जैसे पार्टी, रिसेप्शन या फॉर्मल इवेंट्स में पहना जाता है। गाउन की खासियत है इसका लंबा, फर्श तक झूलता हुआ लुक, जो पहनने वाली को एकदम ग्रेसफुल और एलीगेंट बना देता है।

आजकल गाउन कई तरह के आते हैं – जैसे ऑफ-शोल्डर गाउन, फिश-कट गाउन, ए-लाइन गाउन और बॉल गाउन। नेट, जॉर्जेट, सिल्क और साटन जैसे कपड़ों में बने गाउन महिलाओं को रॉयल लुक देते हैं।

भारतीय फैशन इंडस्ट्री ने गाउन को इंडो-वेस्टर्न स्टाइल में भी अपनाया है। इसमें पारंपरिक कढ़ाई और मॉडर्न डिज़ाइन का मेल देखने को मिलता है। इस वजह से गाउन भारतीय दुल्हनों के रिसेप्शन ड्रेस के रूप में भी काफी पॉपुलर हो गया है।

24. टॉप (Top)

टॉप भारतीय युवतियों और महिलाओं का सबसे कॉमन और आरामदायक परिधान है। यह रोज़मर्रा की ज़िंदगी से लेकर कॉलेज, ऑफिस और कैज़ुअल आउटिंग तक हर जगह पहना जाता है। टॉप की सबसे बड़ी खासियत है इसकी विविधता और सुविधा।

मार्केट में टॉप के अनगिनत डिज़ाइन और स्टाइल मिलते हैं – जैसे क्रॉप टॉप, ऑफ-शोल्डर टॉप, ट्यूनिक टॉप, शर्ट-स्टाइल टॉप और लॉन्ग टॉप। इसे जीन्स, लेगिंग्स, पलाज़ो या स्कर्ट के साथ आसानी से मैच किया जा सकता है।

टॉप की लोकप्रियता का कारण है कि यह हल्का, फैशनेबल और हर मौके पर सूट करता है। यही वजह है कि यह आज के फैशन में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाला आउटफिट माना जाता है।

25. स्कर्ट (Skirt)

स्कर्ट महिलाओं और लड़कियों का एक बेहद स्टाइलिश और पॉपुलर पहनावा है। यह कमर से नीचे पहना जाने वाला परिधान है, जिसकी लंबाई घुटनों से लेकर टखनों तक हो सकती है।

स्कर्ट कई प्रकार की होती हैं – जैसे मिनी स्कर्ट, पेंसिल स्कर्ट, ए-लाइन स्कर्ट और प्लिटेड स्कर्ट। भारत में स्कर्ट को अक्सर वेस्टर्न ड्रेस के रूप में देखा जाता है, लेकिन यह पारंपरिक घाघरे की तरह भी भारतीय संस्कृति से जुड़ा है।

आजकल स्कर्ट को टॉप, शर्ट और जैकेट के साथ स्टाइल किया जाता है। यह ऑफिस वियर से लेकर पार्टी वियर तक हर जगह फिट बैठती है। स्कर्ट की खासियत है कि यह महिला को ट्रेंडी और एलीगेंट दोनों लुक देती है।

26. कुर्ती (Kurti)

कुर्ती भारतीय महिलाओं की अलमारी का सबसे ज़रूरी और पॉपुलर कपड़ा है। यह ऐसा पहनावा है जो कॉलेज जाने वाली लड़कियों से लेकर ऑफिस वर्किंग वीमेन और गृहिणियों तक – हर किसी के बीच समान रूप से लोकप्रिय है।

कुर्ती की खासियत है कि यह आरामदायक होने के साथ-साथ स्टाइलिश भी होती है। इसे जीन्स, लेगिंग्स, पलाज़ो, स्कर्ट या पैंट – किसी के साथ भी आसानी से मैच किया जा सकता है। यही वजह है कि कुर्ती को “ऑल-राउंडर ड्रेस” भी कहा जाता है।

मार्केट में आपको कुर्ती के कई डिज़ाइन मिल जाएंगे – जैसे स्ट्रेट कुर्ती, फ्लेयर्ड कुर्ती, शॉर्ट कुर्ती, ए-लाइन कुर्ती और अनारकली कुर्ती। त्योहारों और शादी-ब्याह के लिए हैवी वर्क वाली कुर्ती पहनी जाती है, जबकि रोज़ाना के लिए कॉटन या लिनन की सिंपल कुर्ती सबसे बेस्ट मानी जाती है।

आजकल इंडो-वेस्टर्न स्टाइल की कुर्तियाँ भी खूब पसंद की जा रही हैं, जिनमें आधुनिक डिज़ाइन और पारंपरिक टच दोनों का मेल होता है।

27. पलाज़ो (Palazzo)

पलाज़ो पैंट्स ने पिछले कुछ सालों में भारतीय महिलाओं के फैशन में खूब जगह बनाई है। यह ढीली, चौड़ी और आरामदायक पैंट होती है जिसे कुर्ती, टॉप या शर्ट – सबके साथ पहना जा सकता है।

गर्मियों के मौसम में पलाज़ो सबसे ज़्यादा पसंद किए जाते हैं, क्योंकि यह हल्के और हवादार होते हैं। ऑफिस से लेकर कॉलेज और शॉपिंग तक – पलाज़ो हर मौके पर फिट बैठता है।

आजकल पलाज़ो कई तरह के आते हैं – जैसे स्ट्रेट पलाज़ो, लेयर्ड पलाज़ो और प्रिंटेड पलाज़ो। शादी-ब्याह में पलाज़ो सूट भी खूब ट्रेंड में है, जिसमें कुर्ती और दुपट्टे के साथ स्टाइलिश पलाज़ो पहना जाता है।

यह पहनावा महिलाओं को एक मॉडर्न और एलीगेंट लुक देता है, साथ ही पहनने में बेहद आरामदायक भी होता है।

28. पैंट / लेगिंग्स (Leggings)

लेगिंग्स भारतीय महिलाओं के लिए सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाला बॉटम वियर है। यह टाइट-फिटिंग होती है और हर तरह की कुर्ती या टॉप के साथ आसानी से मैच हो जाती है।

लेगिंग्स की खासियत है कि यह स्ट्रेचेबल होती है, इसलिए पहनने में आरामदायक रहती है। मार्केट में आपको कॉटन लेगिंग्स, लाइक्रा लेगिंग्स और एंकल-लेंथ लेगिंग्स जैसी कई वैराइटी मिल जाएंगी।

आजकल लेगिंग्स के साथ लॉन्ग टॉप और कुर्तियाँ सबसे ज़्यादा चलन में हैं। यह रोज़मर्रा के पहनावे के लिए बेस्ट मानी जाती है, क्योंकि इसमें स्टाइल और आराम दोनों एक साथ मिलते हैं।

इसके अलावा, स्किन-फिट लेगिंग्स को जिम या योगा सेशन में भी पहना जाता है। यानी यह एक ऐसा कपड़ा है जो हर स्थिति और हर उम्र की महिलाओं के लिए काम आता है।

29. जंपसूट (Jumpsuit)

जंपसूट भारतीय युवतियों का फेवरेट मॉडर्न आउटफिट बन चुका है। यह एक ही पीस ड्रेस होती है जिसमें ऊपर का टॉप और नीचे की पैंट जुड़ी हुई रहती है।

जंपसूट का सबसे बड़ा फायदा है कि इसे पहनना आसान होता है और यह एकदम स्टाइलिश लुक देता है। पार्टी, कैज़ुअल आउटिंग या ट्रैवल – हर जगह जंपसूट आराम और फैशन का सही मेल साबित होता है।

आजकल जंपसूट कई स्टाइल में आते हैं – जैसे ऑफ-शोल्डर, हॉल्टर नेक, वाइड-लेग और बेल्टेड जंपसूट। कपड़े के हिसाब से भी ढेरों ऑप्शन मिलते हैं, जैसे कॉटन, डेनिम और क्रेप।

भारतीय फैशन इंडस्ट्री में जंपसूट को इंडो-वेस्टर्न टच के साथ भी पेश किया जा रहा है, जिसमें पारंपरिक प्रिंट और मॉडर्न डिज़ाइन का कॉम्बिनेशन होता है।

30. सलवार-कमीज़ (Salwar Kameez)

सलवार-कमीज़ भारतीय महिलाओं का सबसे पारंपरिक और लोकप्रिय पहनावा है। यह रोज़ाना के पहनावे से लेकर खास मौकों तक हर जगह पहना जाता है।

सलवार-कमीज़ तीन हिस्सों में होता है – कमीज़ (टॉप), सलवार (ढीला पायजामा) और दुपट्टा। पंजाब से लेकर पूरे भारत में यह ड्रेस बेहद लोकप्रिय है। खासतौर पर पंजाबी सलवार-कमीज़ तो फैशन की पहचान बन चुका है।

आजकल इसके कई वैरिएशन मार्केट में मिलते हैं – जैसे पटियाला सलवार-कमीज़, चूड़ीदार सूट, पलाज़ो सूट और स्ट्रेट-कट सूट। यह पहनावा न सिर्फ आरामदायक है बल्कि हर मौके पर खूबसूरत भी लगता है।

शादियों और त्योहारों में भारी वर्क वाले सलवार-कमीज़ खूब पहने जाते हैं, जबकि रोज़मर्रा के लिए कॉटन और सिंपल डिज़ाइन वाले सूट सबसे ज़्यादा पसंद किए जाते हैं।

31. शरारा – परंपरा और मॉडर्न फैशन का मेल

शरारा एक ऐसा परिधान है जो लखनऊ की तहज़ीब और नवाबी अंदाज़ की निशानी माना जाता है। इसमें घेरदार पैंट जैसी सिलाई होती है जो घुटने से नीचे चौड़ी हो जाती है, और इसे लंबी कुर्ती या छोटे कुरते के साथ पहना जाता है। शरारा का सबसे बड़ा आकर्षण उसका भारी घेर और झूलता हुआ लुक है, जो चलते वक्त बेहद शाही अंदाज़ देता है। यही वजह है कि आज भी शादी-ब्याह और त्यौहारों में शरारा को खास जगह मिलती है।

पहले शरारे ज़्यादातर रेशम, जॉर्जेट और सिल्क के कपड़ों से बनाए जाते थे, जिन पर जरी, गोटा-पट्टी और हाथ की कढ़ाई का काम होता था। लेकिन आजकल फैशन इंडस्ट्री ने इसमें नए-नए प्रयोग किए हैं। अब शरारे नेट, शिफॉन और क्रेप फैब्रिक में भी मिलते हैं, जिनमें हल्की-फुल्की एम्ब्रॉयडरी या डिजिटल प्रिंटिंग का इस्तेमाल होता है। इससे इन्हें कैज़ुअल पार्टियों या छोटे फंक्शन में भी आसानी से पहना जा सकता है।

मॉडर्न लड़कियाँ शरारे को फ्यूज़न स्टाइल में भी अपनाती हैं, जैसे क्रॉप टॉप या शॉर्ट जैकेट के साथ। इससे शरारा सिर्फ परंपरा तक सीमित नहीं रहता बल्कि एक ट्रेंडी आउटफिट बन जाता है। शरारे का सबसे बड़ा फायदा ये है कि यह हर बॉडी टाइप पर अच्छा लगता है और आरामदायक भी होता है।

अगर आप शादी या ईद जैसे फंक्शन में स्टाइलिश दिखना चाहती हैं, तो शरारे के साथ लंबा दुपट्टा और हैवी ज्वेलरी ज़रूर लें। वहीं, कॉलेज या हल्की पार्टी के लिए सिंपल कॉटन या जॉर्जेट का शरारा भी बेहतरीन ऑप्शन है।

32. गरारा – नवाबी रॉयल्टी का प्रतीक

गरारा और शरारा में अक्सर लोग कन्फ्यूज़ हो जाते हैं, लेकिन दोनों में फर्क है। गरारे की खासियत है कि इसमें पैंट के घुटने तक फिटिंग होती है और घुटने पर एक मोटा “गोट्टा” या “जोड़” लगाया जाता है। उसके नीचे कपड़ा घेरदार होकर नीचे तक खुल जाता है। यही डिज़ाइन इसे शरारे से अलग बनाता है।

गरारा का इतिहास भी बहुत पुराना है। कहा जाता है कि नवाबों के ज़माने में बेगम साहिबा और राजघरानों की औरतें गरारे को खास मौकों पर पहनती थीं। उस समय के गरारे बनारसी सिल्क, मखमल और रेशमी कपड़े से बनते थे, जिन पर ज़रदोज़ी और कढ़ाई का शानदार काम किया जाता था।

आज के दौर में गरारे का फैशन फिर से लौट आया है। बॉलीवुड से लेकर टीवी सीरियल्स तक, दुल्हनें और ब्राइड्समेड्स इसे खूब पहन रही हैं। शादी-ब्याह में गरारा एकदम रॉयल और ग्रेसफुल लुक देता है। दुल्हनें तो अक्सर लाल, मैरून या गोल्डन रंग का गरारा चुनती हैं, जबकि बाकी लड़कियाँ पेस्टल और हल्के शेड्स में भी इसे कैरी करती हैं।

अगर आप मॉडर्न टच चाहती हैं तो गरारे को पेपलम टॉप, क्रॉप जैकेट या लॉन्ग कुर्ती के साथ पेयर करें। वहीं, क्लासिक लुक चाहिए तो भारी एम्ब्रॉयडरी वाली कुर्ती और लंबा दुपट्टा सबसे अच्छा ऑप्शन है।

गरारा का मज़ा ये है कि इसमें नवाबी रॉयल्टी और स्त्रीत्व दोनों का अनोखा संगम देखने को मिलता है। यही वजह है कि यह शादी, मेहंदी और ईद की दावतों में हमेशा आकर्षण का केंद्र रहता है।

33. मैक्सी ड्रेस – हर मौके पर ग्लैमरस

मैक्सी ड्रेस आज की लड़कियों के वॉर्डरोब का सबसे जरूरी हिस्सा बन चुकी है। ये लंबी ड्रेस पैरों तक जाती है और पहनने वाले को एकदम फेमिनिन और एलीगेंट लुक देती है। मैक्सी ड्रेस का सबसे बड़ा फायदा है कि यह हर मौसम और हर मौके पर काम आती है।

गर्मियों में हल्की कॉटन, जॉर्जेट या रेयॉन की मैक्सी ड्रेस पहनना बेहद आरामदायक होता है। वहीं, विंटर में वूलन या निटेड मैक्सी ड्रेस स्टाइलिश और गर्म दोनों रहती है। मार्केट में आपको फ्लोरल प्रिंट, पोल्का डॉट्स, सॉलिड कलर और पार्टी-वियर सीक्विन वाली मैक्सी ड्रेस मिल जाएंगी।

कैज़ुअल लुक के लिए स्लिवलेस या ऑफ-शोल्डर मैक्सी ड्रेस के साथ हल्की ज्वेलरी और फ्लैट सैंडल परफेक्ट रहती हैं। वहीं, शादी या पार्टी के लिए हैवी फैब्रिक वाली मैक्सी ड्रेस को हील्स और स्टेटमेंट ईयरिंग्स के साथ कैरी करें तो पूरा ग्लैमरस लुक आ जाता है।

आजकल मैक्सी ड्रेस को इंडो-वेस्टर्न स्टाइल में भी पहना जा रहा है। कुछ डिज़ाइनों में फ्रंट स्लिट, लेयर्स या बेल्ट का इस्तेमाल होता है, जिससे लुक और भी स्टाइलिश बन जाता है।

संक्षेप में कहा जाए तो, अगर आप एक ऐसा आउटफिट चाहती हैं जो एक साथ आरामदायक और फैशनेबल हो, तो मैक्सी ड्रेस आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है।

34. फ्रॉक – बचपन से लेकर युवावस्था तक

फ्रॉक का नाम सुनते ही बचपन की यादें ताज़ा हो जाती हैं। छोटी बच्चियों की क्यूट फ्रॉक से लेकर युवतियों की स्टाइलिश वेस्टर्न फ्रॉक तक, यह ड्रेस हर उम्र में पसंद की जाती है।

फ्रॉक की खासियत है कि यह हल्की, आरामदायक और हर मौके पर फिट बैठती है। छोटी बच्चियों के लिए नेट, कॉटन और सिल्क की फ्रॉक्स शादी-ब्याह और पार्टी में बेहद प्यारी लगती हैं। वहीं, टीनएज और युवतियों के लिए शॉर्ट या नी-लेंथ फ्रॉक कैज़ुअल आउटिंग, कॉलेज या डेट के लिए परफेक्ट ऑप्शन है।

आजकल मार्केट में ए-लाइन फ्रॉक, स्केटर फ्रॉक, बॉडीकॉन फ्रॉक, ऑफ-शोल्डर फ्रॉक जैसे कई डिज़ाइन मिलते हैं। हर फ्रॉक का अपना एक अलग अंदाज़ और आकर्षण है।

फ्रॉक पहनने वाली लड़की हमेशा चंचल, प्यारी और यंग लुक देती है। यही वजह है कि यह ड्रेस फैशन से कभी बाहर नहीं होती। आप चाहे किसी पार्टी में जाएं या दोस्तों के साथ पिकनिक, एक सिंपल फ्रॉक आपको भीड़ से अलग बना देती है।

35. चुन्नी – हर ड्रेस की शान

भारतीय और पाकिस्तानी पहनावे में चुन्नी का स्थान सबसे खास है। चाहे सलवार-सूट हो, लहंगा हो या कुर्ती, चुन्नी हर आउटफिट की शान बढ़ा देती है।

चुन्नी की सबसे बड़ी खूबी है उसकी वर्सेटिलिटी। यह कॉटन, सिल्क, जॉर्जेट, नेट, शिफॉन और बनारसी हर तरह के कपड़े में मिलती है। शादी-ब्याह में हैवी कढ़ाई वाली और गोटा-पट्टी से सजी चुन्नी पहनने से पूरा लुक शाही हो जाता है। वहीं, रोज़मर्रा की ज़िंदगी में सिंपल कॉटन या प्रिंटेड चुन्नी आरामदायक और स्टाइलिश दोनों रहती है।

आजकल चुन्नी को स्टाइल करने के नए-नए तरीके भी आए हैं। कोई इसे एक कंधे पर डालता है, कोई गले में लपेटता है तो कोई इसे दुपट्टे की जगह स्कार्फ की तरह कैरी करता है। इससे चुन्नी सिर्फ पारंपरिक परिधान तक सीमित नहीं रहती बल्कि एक फैशन एक्सेसरी भी बन जाती है।

अगर आप चाहती हैं कि आपकी सिंपल ड्रेस भी खास लगे, तो बस एक सुंदर चुन्नी डाल लीजिए। यह न सिर्फ आपकी शालीनता दिखाती है बल्कि पूरे लुक को ग्रेस और एलिगेंस भी देती है।

31. फ्रॉक (Frock) – मासूमियत और स्टाइल का संगम

फ्रॉक बच्चों के कपड़ों में सबसे प्यारा और लोकप्रिय परिधान माना जाता है। खासतौर पर लड़कियों के लिए फ्रॉक हमेशा से फैशन में रहा है। यह एक ऐसा आउटफिट है जिसमें बच्चा हमेशा क्यूट, मासूम और खिलखिलाता हुआ लगता है।
बच्चों की फ्रॉक्स कई तरह की डिज़ाइन और फैब्रिक में मिलती हैं – कॉटन की हल्की फ्रॉक्स गर्मियों के लिए परफेक्ट होती हैं, जबकि नेट और सिल्क की फ्रॉक्स शादी और पार्टियों में बच्चों को बेहद प्यारा लुक देती हैं।
आजकल मार्केट में स्केटर फ्रॉक, ए-लाइन फ्रॉक और प्रिंटेड फ्रॉक्स खूब चलन में हैं। इन्हें कैजुअल आउटिंग, बर्थडे पार्टी और फेस्टिवल्स में आसानी से पहना जा सकता है।
फ्रॉक का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह पहनने में बेहद आरामदायक होती है और बच्चों को खेलने-कूदने में कोई दिक्कत नहीं होती। यही वजह है कि यह हमेशा पेरेंट्स की पहली पसंद बनी रहती है।

32. ड्रेस (Kids Dress) – हर मौके के लिए परफेक्ट

छोटे बच्चों के लिए ड्रेस सबसे आसान और स्टाइलिश विकल्प है। चाहे वह बर्थडे पार्टी हो, स्कूल फंक्शन या कोई फैमिली गेट-टुगेदर, किड्स ड्रेस हर जगह फिट बैठती है।
लड़कियों के लिए गाउन स्टाइल ड्रेस, फ्रिली ड्रेस और प्रिंसेस-लुक ड्रेस बेहद पॉपुलर हैं। वहीं लड़कों के लिए शर्ट-स्टाइल ड्रेस या जंपसूट टाइप ड्रेस भी उपलब्ध हैं।
इन ड्रेस में कॉटन, लिनन और सिल्क सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं, क्योंकि ये बच्चों की नाजुक त्वचा के लिए आरामदायक और सुरक्षित होते हैं।
किड्स ड्रेस का सबसे अच्छा पहलू यह है कि इन्हें छोटे-छोटे एक्सेसरीज़ जैसे हेयरबैंड, बेल्ट और कैप के साथ मैच करके बच्चे को और भी स्टाइलिश लुक दिया जा सकता है।

33. रोम्पर (Romper) – छोटे बच्चों का फेवरेट

रोम्पर छोटे बच्चों के लिए सबसे सुविधाजनक और प्यारा आउटफिट है। यह एक ही पीस का कपड़ा होता है जिसमें ऊपर और नीचे दोनों कवर हो जाते हैं।
रोम्पर खासतौर पर शिशुओं और टॉडलर्स के लिए बनाया जाता है ताकि उन्हें कपड़े बदलने में आसानी हो और खेलने-कूदने के दौरान कपड़े न खुलें।
मार्केट में कॉटन और सॉफ्ट फैब्रिक के रोम्पर मिलते हैं जिनमें प्यारे-प्यारे प्रिंट्स और कार्टून कैरेक्टर्स बने होते हैं।
रोम्पर पहनकर बच्चा हमेशा एक्टिव और कंफर्टेबल रहता है। यही कारण है कि नई मम्मियाँ सबसे ज्यादा रोम्पर खरीदना पसंद करती हैं।

34. नाइटसूट (Night Suit) – मीठी नींद का साथी

बच्चों के लिए नाइटसूट सिर्फ सोने का कपड़ा नहीं बल्कि आराम और सुकून का साथी है। दिनभर खेलने-कूदने के बाद जब बच्चा नाइटसूट पहनता है तो उसे चैन की नींद आती है।
नाइटसूट अक्सर कॉटन, रेयॉन और जर्सी फैब्रिक में बनाए जाते हैं ताकि बच्चा पूरी रात आराम से सो सके।
मार्केट में बच्चों के लिए प्यारे डिज़ाइन वाले नाइटसूट उपलब्ध हैं, जैसे कार्टून प्रिंट, सुपरहीरो थीम और फ्लोरल पैटर्न।
नाइटसूट के साथ अगर बच्चे को सॉफ्ट बेड और उसका फेवरेट टेडी मिल जाए तो सोने का मजा दोगुना हो जाता है।

35. ट्रैक पैंट्स (Track Pants) – स्टाइल और कम्फर्ट का कॉम्बिनेशन

ट्रैक पैंट्स बच्चों के लिए आजकल का सबसे ट्रेंडी और आरामदायक आउटफिट है। ये हल्के, ढीले और स्ट्रेचेबल होते हैं, जिससे बच्चा आराम से दौड़-भाग और खेल-कूद सकता है।
ट्रैक पैंट्स खासतौर पर स्पोर्ट्स, डांस क्लास या आउटडोर गेम्स के लिए सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं।
इन्हें टी-शर्ट या हुडी के साथ पहनने पर बच्चे का पूरा लुक स्पोर्टी और स्टाइलिश बन जाता है।
मार्केट में ट्रैक पैंट्स कई कलर्स और पैटर्न में मिलते हैं, जो बच्चों को आकर्षित करते हैं। यह रोज़ पहनने के लिए भी बेहतरीन ऑप्शन है।

36. टी-शर्ट & शॉर्ट्स सेट (T-shirt & Shorts Set) – गर्मियों का बेस्ट आउटफिट

गर्मियों के दिनों में बच्चों के लिए सबसे अच्छा कपड़ा है टी-शर्ट और शॉर्ट्स का सेट। हल्की कॉटन टी-शर्ट और ढीले-ढाले शॉर्ट्स पहनकर बच्चा खुलकर खेल सकता है और आराम भी महसूस करता है।
यह सेट कैज़ुअल आउटिंग, पिकनिक या घर पर पहनने के लिए परफेक्ट है।
टी-शर्ट और शॉर्ट्स पर बने रंग-बिरंगे प्रिंट्स और कार्टून कैरेक्टर्स बच्चों को बहुत पसंद आते हैं।
पेरेंट्स के लिए भी यह सेट किफायती और आसानी से उपलब्ध होने वाला विकल्प है।

37. पगड़ी / साफा (Pagdi / Turban) – शान और सम्मान का प्रतीक

पगड़ी या साफा भारतीय परंपरा में सिर्फ सिर पर बांधा जाने वाला कपड़ा नहीं, बल्कि इज़्ज़त और मान-सम्मान का प्रतीक है। राजस्थान, गुजरात, पंजाब और उत्तर भारत के कई हिस्सों में पगड़ी का विशेष महत्व है।
शादी-ब्याह, त्योहार और धार्मिक आयोजनों में पगड़ी पहनने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। हर क्षेत्र में पगड़ी का अलग अंदाज़ और नाम होता है – जैसे राजस्थान का बांधनी साफा, पंजाब का तुर्बन और महाराष्ट्र का फेटा।
पगड़ी के रंग और डिज़ाइन भी विशेष संदेश देते हैं। जैसे लाल या केसरिया रंग खुशी और शौर्य का प्रतीक है, जबकि सफेद रंग शांति और सरलता को दर्शाता है।
आजकल शादी के मौकों पर दूल्हा और बाराती अलग-अलग डिज़ाइन और फैब्रिक की पगड़ी पहनते हैं। कुछ पगड़ी पर मोर पंख, गोटा-पट्टी और ब्रोच जैसी सजावट भी की जाती है, जिससे वह और आकर्षक दिखे।
संक्षेप में, पगड़ी भारतीय संस्कृति का वह हिस्सा है जो न सिर्फ सिर की शोभा बढ़ाता है बल्कि हमारी परंपरा और शान का प्रतीक भी है।

38. अंगरखा (Angrakha) – पारंपरिक शाही पहनावा

अंगरखा एक ऐसा परिधान है जो प्राचीन काल में राजाओं, दरबारियों और योद्धाओं की शान हुआ करता था। इसकी डिज़ाइन में सामने से क्रॉस होकर बंधने वाले पल्लू होते हैं, जिन्हें गांठ या डोरियों से बांधा जाता है।
राजस्थान और गुजरात में अंगरखा को पारंपरिक पुरुष परिधान के रूप में आज भी पहना जाता है। इसमें दो प्रमुख प्रकार मिलते हैं – छोटा अंगरखा और लंबा अंगरखा।
अंगरखा का फैब्रिक मौसम के अनुसार चुना जाता है – गर्मियों में कॉटन का अंगरखा आरामदायक होता है, जबकि सर्दियों में ऊनी या सिल्क का अंगरखा शाही लुक देता है।
इसकी खासियत यह है कि यह देखने में बेहद आकर्षक और पहनने में आरामदायक होता है। इसे धोती, पायजामा या चूड़ीदार के साथ पहनकर पूरा पारंपरिक लुक पाया जा सकता है।
आजकल अंगरखे का इस्तेमाल लोकनृत्य, नाटक और शादियों में किया जाता है। डिज़ाइनर्स भी इसे फ्यूज़न फैशन में शामिल कर रहे हैं, जिससे यह आधुनिक युवाओं के बीच भी लोकप्रिय हो रहा है।

39. चुन्नी (Chunni) – हर भारतीय स्त्री का श्रृंगार

चुन्नी भारतीय महिलाओं की पोशाक का सबसे अहम हिस्सा है। चाहे सलवार-कमीज़ हो, लहंगा-चोली हो या कुर्ती, चुन्नी पहनने से पूरा ड्रेस संपूर्ण लगता है।
चुन्नी की खूबसूरती इस बात में है कि इसे हर फैब्रिक और हर मौके के हिसाब से पहना जा सकता है। कॉटन चुन्नी रोज़मर्रा के पहनावे के लिए आरामदायक होती है, वहीं शादी और त्योहार पर सिल्क, बनारसी या नेट की भारी चुन्नी पहनने से लुक रॉयल और शाही हो जाता है।
पारंपरिक तौर पर चुन्नी को शालीनता और सम्मान का प्रतीक माना जाता है। यही वजह है कि कई धार्मिक और सांस्कृतिक अवसरों पर सिर ढकने के लिए चुन्नी का उपयोग होता है।
आजकल चुन्नी को स्टाइल करने के कई नए तरीके भी आ गए हैं – जैसे एक कंधे पर डालना, गले में स्कार्फ की तरह पहनना या बेल्ट के साथ सेट करना।
इसलिए, चुन्नी सिर्फ एक कपड़े का टुकड़ा नहीं बल्कि भारतीय स्त्रीत्व और सौंदर्य का प्रतीक है।

40. चूड़ीदार (Churidar Pajama) – आकर्षक और फिटिंग वाला परिधान

चूड़ीदार पायजामा भारतीय और मुग़लकालीन फैशन का खूबसूरत तोहफ़ा है। इसका नाम “चूड़ीदार” इसलिए पड़ा क्योंकि इसकी सिलाई पैरों तक इतनी फिट होती है कि टखनों पर कपड़ा इकट्ठा होकर चूड़ियों जैसा लुक देता है।
चूड़ीदार पायजामा को ज्यादातर कुर्ता, शेरवानी या अंगरखे के साथ पहना जाता है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए लोकप्रिय परिधान है।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह पहनने वाले को स्लिम और लंबा दिखाता है। यही वजह है कि यह शादी, त्योहार और पारंपरिक अवसरों पर खास तौर से पसंद किया जाता है।
मार्केट में कॉटन, सिल्क और रेयॉन फैब्रिक के चूड़ीदार आसानी से मिल जाते हैं। महिलाएं अक्सर सलवार-कमीज़ और कुर्तियों के साथ मैचिंग चूड़ीदार पहनती हैं, जबकि पुरुष शेरवानी और कुर्तों के साथ।
आजकल चूड़ीदार को इंडो-वेस्टर्न स्टाइल में भी पहना जा रहा है, जिससे यह और भी फैशनेबल हो गया है।

41. पायजामा (Pyjama) – आराम और परंपरा का संगम

पायजामा भारतीय परिधान का वह हिस्सा है जो आराम और सादगी के लिए जाना जाता है। यह ढीला-ढाला निचला वस्त्र होता है, जिसे ज्यादातर कुर्ते के साथ पहना जाता है।
पायजामा मुख्यतः कॉटन, खादी और सिल्क फैब्रिक में बनाया जाता है। गर्मियों में कॉटन पायजामा सबसे ज्यादा आरामदायक होता है, जबकि शादी और फंक्शन में रेशमी पायजामा ज्यादा पसंद किया जाता है।
भारत में पायजामा का इस्तेमाल रोज़मर्रा के पहनावे से लेकर खास मौकों तक होता है। उत्तर भारत में यह कुर्ते और नेहरू जैकेट के साथ एक पारंपरिक लुक देता है।
आजकल डिज़ाइनर्स ने पायजामे को नए स्टाइल में भी ढाल दिया है, जैसे स्ट्रेट-फिट, पैटर्नड और प्रिंटेड पायजामे, जिन्हें युवा भी स्टाइल के तौर पर कैरी करते हैं।
कुल मिलाकर, पायजामा भारतीय पहनावे का ऐसा हिस्सा है जिसे पहनकर आराम भी मिलता है और संस्कृति से जुड़ाव भी बना रहता है।

42. पटियाला सूट (Patiala Suit) – पंजाबी नज़ाकत का प्रतीक

पटियाला सूट का नाम पंजाब के ऐतिहासिक शहर पटियाला से लिया गया है। इसे कभी पटियाला के राजघराने की महिलाएँ शान से पहनती थीं, और आज यह पंजाब ही नहीं बल्कि पूरे भारत में महिलाओं की पसंदीदा ड्रेस है।
इस सूट की सबसे खास पहचान है इसका ढीला-ढाला पायजामा, जिसमें कई परतों वाली प्लेट्स (प्लीट्स) होती हैं। यही डिज़ाइन पहनने वाली को आराम और स्टाइल दोनों देता है। इसके साथ पहनी जाने वाली कुर्ती आमतौर पर छोटी होती है, जिससे पायजामे की खूबसूरती और भी निखरकर आती है।
पटियाला सूट ज्यादातर कॉटन, सिल्क और जॉर्जेट फैब्रिक में तैयार किया जाता है। गर्मियों के लिए हल्के सूती पटियाला सूट बेहतरीन होते हैं, जबकि शादी या त्योहार पर रेशमी और हैवी एम्ब्रॉयडरी वाले पटियाला सूट खूब पसंद किए जाते हैं।
इस सूट का आकर्षण यह है कि यह हर उम्र की महिलाओं पर अच्छा लगता है और बेहद आरामदायक भी होता है। पंजाबी जुत्ती और रंग-बिरंगे दुपट्टे के साथ जब इसे कैरी किया जाता है तो पूरा लुक निखर उठता है।

43. फिरन (Kashmiri Pheran) – कश्मीर की परंपरा और गर्माहट

फिरन कश्मीर का पारंपरिक परिधान है, जिसे पुरुष और महिलाएँ दोनों पहनते हैं। यह घुटनों या टखनों तक लंबा ढीला-ढाला कुर्ता होता है, जो ठंडी जलवायु में शरीर को गर्म रखने के लिए बिल्कुल सही होता है।
फिरन को ऊनी कपड़े, पश्मीना, सिल्क और खादी से बनाया जाता है। खासकर कड़ाके की सर्दी में इसके अंदर "कांगड़ी" (अंगारों की हांडी) रखकर लोग खुद को गर्म रखते हैं।
महिलाओं के फिरन पर ज़रदोज़ी, कढ़ाई और कश्मीरी सूई का काम होता है, जो इसे बेहद खूबसूरत बना देता है। वहीं पुरुषों का फिरन अपेक्षाकृत साधारण होता है, जो मुख्यतः ऊन या खादी का होता है।
आजकल फिरन सिर्फ परंपरा तक सीमित नहीं है, बल्कि फैशन का हिस्सा भी बन गया है। बॉलीवुड और फैशन डिज़ाइनर्स ने इसे नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है।
कश्मीर का फिरन न सिर्फ पहनने वाले को ठंड से बचाता है, बल्कि कश्मीरी संस्कृति और कला का प्रतीक भी है।

44. मेखला-चादर (Mekhela Chador) – असमिया स्त्रियों की पहचान

मेखला-चादर असम की महिलाओं का पारंपरिक पहनावा है, जो उनकी संस्कृति और शालीनता का प्रतीक है। इसमें दो मुख्य हिस्से होते हैं – मेखला, जो निचला भाग (लहंगे की तरह) होता है, और चादर, जो ऊपरी भाग में लपेटा जाता है।
मेखला-चादर आमतौर पर रेशम, खासकर असम के प्रसिद्ध "मूगा सिल्क" और "पाट सिल्क" से बनाई जाती है। इन पर पारंपरिक मोटिफ, असमिया बुनाई और आकर्षक डिज़ाइन का काम होता है।
यह ड्रेस शादी, त्योहार और धार्मिक अवसरों पर महिलाएँ गर्व से पहनती हैं। साधारण कॉटन की मेखला-चादर रोज़मर्रा के उपयोग के लिए भी बनाई जाती है।
आजकल डिज़ाइनर्स ने मेखला-चादर में फ्यूज़न स्टाइल जोड़ा है, जिससे यह आधुनिक युवतियों में भी लोकप्रिय हो गई है।
संक्षेप में, मेखला-चादर सिर्फ एक ड्रेस नहीं बल्कि असमिया संस्कृति और स्त्रीत्व का प्रतीक है।

45. मुंडू (Mundu) – केरल का पारंपरिक वस्त्र

मुंडू दक्षिण भारत, खासकर केरल का पारंपरिक परिधान है। यह पुरुषों द्वारा पहना जाने वाला एक सफेद या ऑफ-व्हाइट रंग का आयताकार कपड़ा है, जिसे कमर और पैरों पर लपेटा जाता है।
मुंडू की खासियत है इसकी सादगी और गरिमा। इसे आमतौर पर कॉटन से बनाया जाता है और किनारों पर रंगीन बॉर्डर (कसावु) होती है, जो इसे आकर्षक बनाती है।
केरल के त्योहारों, शादी-ब्याह और धार्मिक अवसरों पर पुरुष मुंडू के साथ अंगवस्त्रम (ऊपर का कपड़ा) भी पहनते हैं। वहीं, साधारण दिनों में इसे शर्ट या कुर्ते के साथ पहना जाता है।
आजकल रेशम और डिज़ाइनर मुंडू भी बाज़ार में उपलब्ध हैं, जिन्हें खास मौकों पर बड़े गर्व से पहना जाता है।
मुंडू केरल की संस्कृति, सादगी और परंपरा का सुंदर प्रतीक है।

46. पवनचा / पवड़ा (Pavada) – दक्षिण भारत की बालिकाओं का पारंपरिक वस्त्र

पवड़ा जिसे पवनचा भी कहा जाता है, दक्षिण भारत में छोटी लड़कियों द्वारा पहना जाने वाला पारंपरिक परिधान है। यह लंबी स्कर्ट की तरह होता है जिसे ब्लाउज़ और दुपट्टे (लंगावनी) के साथ पहना जाता है।
सिल्क और कॉटन से बने पवड़े पर अक्सर सुनहरे बॉर्डर और कढ़ाई का काम होता है। त्योहारों, मंदिरों के उत्सव और पारिवारिक समारोहों में छोटी लड़कियाँ इसे पहनकर बेहद सुंदर लगती हैं।
आजकल शादी और फेस्टिवल्स में रेशमी और डिज़ाइनर पवड़े भी उपलब्ध हैं, जिन पर ज़री और गोटा-पट्टी की सजावट होती है।
यह ड्रेस बचपन की मासूमियत और पारंपरिक संस्कृति का संगम है।

47. जामा (Jama) – शाही अंदाज़ का पारंपरिक परिधान

जामा भारत का एक ऐतिहासिक पुरुष परिधान है, जो मुग़लकालीन दौर से जुड़ा हुआ है। यह घुटनों से नीचे तक लंबा, घेरदार और आगे से क्रॉस होकर बांधा जाने वाला वस्त्र होता है।
जामा आमतौर पर रेशम, मखमल और ब्रोकेड फैब्रिक से बनाया जाता था, जिस पर ज़रदोज़ी और नक्काशी का काम होता था। राजा-महाराजा और दरबारी इसे बड़े गर्व से पहनते थे।
आजकल जामा का इस्तेमाल ज्यादातर नृत्य (कथक, भरतनाट्यम) और नाट्य प्रस्तुतियों में किया जाता है। इसके अलावा शादी-ब्याह और थीमेटिक आयोजनों में भी लोग इसे पहनते हैं।
जामा सिर्फ एक कपड़ा नहीं बल्कि भारत के इतिहास, शाही अंदाज़ और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।

48. जिन्स जैकेट (Jeans Jacket)

जिन्स जैकेट सिर्फ एक कपड़ा नहीं बल्कि एक फैशन आइकॉन है। चाहे लड़के हों या लड़कियां, हर किसी की अलमारी में कम से कम एक जीन्स जैकेट ज़रूर मिल जाएगी। इसकी खासियत यह है कि यह किसी भी आउटफिट के साथ मैच हो जाती है। आप इसे जीन्स पैंट के साथ पहनें तो क्लासिक लुक देता है, वहीं ड्रेस या स्कर्ट के ऊपर पहन लें तो मॉडर्न टच मिल जाता है।

जीन्स जैकेट की सबसे बड़ी ताक़त इसकी ड्यूरेबिलिटी (मजबूती) है। सालों तक पहनने के बाद भी ये खराब नहीं होती बल्कि समय के साथ इसका लुक और भी ज्यादा स्टाइलिश लगता है। यही कारण है कि इसे timeless fashion कहा जाता है।

फैशन के हिसाब से इसमें कई तरह की वैराइटी मिलती है – लाइट ब्लू, डार्क ब्लू, ब्लैक और व्हाइट। इसके अलावा डिस्ट्रेस्ड (फटी हुई डिजाइन) और एम्ब्रॉयडरी वाले जैकेट भी ट्रेंड में रहते हैं। सर्दियों में ये हल्की ठंड से बचाव भी करती है और गर्मियों की रातों में कैज़ुअल लुक के लिए भी बेस्ट है।

आजकल कॉलेज स्टूडेंट्स और युवाओं के बीच जीन्स जैकेट एक स्टाइल स्टेटमेंट बन चुकी है। खास बात ये है कि इसे बार-बार धोने की जरूरत नहीं होती। जितना पुराना होता है, उतना ही अच्छा दिखता है। यही वजह है कि अगर आप अपनी वॉर्डरोब को स्टाइलिश बनाना चाहते हैं तो जीन्स जैकेट एक जरूरी फैशन पीस है।

49. फॉर्मल सूट (Formal Suit)

फॉर्मल सूट किसी भी वॉर्डरोब की शान होता है। ऑफिस, मीटिंग, शादी या किसी खास मौके पर अगर प्रोफेशनल और एलिगेंट लुक चाहिए तो सूट से बेहतर कोई विकल्प नहीं। यह सिर्फ एक आउटफिट नहीं बल्कि पर्सनैलिटी को उभारने का एक तरीका है।

भारत में पुरुषों के लिए ब्लैक, नेवी ब्लू और ग्रे कलर के सूट सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं। वहीं महिलाओं के लिए पैंट-सूट और स्कर्ट-सूट अब तेजी से पॉपुलर हो रहे हैं। सूट पहनने का फायदा ये है कि यह आत्मविश्वास बढ़ाता है और सामने वाले पर एक मजबूत छाप छोड़ता है।

फॉर्मल सूट चुनते समय कपड़े की क्वालिटी और फिटिंग पर खास ध्यान देना चाहिए। अगर सूट अच्छी तरह फिट नहीं हुआ तो पूरा लुक खराब हो सकता है। अच्छे ब्रांडेड सूट महंगे जरूर होते हैं लेकिन एक बार लेने के बाद सालों तक चल जाते हैं।

आजकल थ्री-पीस सूट (ब्लेज़र, वेस्टकोट और पैंट) भी ट्रेंड में हैं। इसे टाई और शर्ट के साथ पहनने पर एक क्लासिक लुक मिलता है। वहीं, कॉर्पोरेट सेक्टर में सिंगल-बटन या डबल-बटन ब्लेज़र काफी लोकप्रिय हैं।

संक्षेप में, फॉर्मल सूट सिर्फ कपड़ा नहीं बल्कि पावर और एलिगेंस का प्रतीक है। चाहे शादी में जाएं या इंटरव्यू में, एक अच्छा सूट हमेशा आपकी पर्सनैलिटी को चार-चांद लगा देता है।

50. टी-शर्ट ड्रेस (T-shirt Dress)

फैशन की दुनिया में टी-शर्ट ड्रेस ने अपनी एक अलग पहचान बना ली है। जैसा कि नाम से ही समझ आता है, यह ड्रेस देखने में बिल्कुल बड़ी टी-शर्ट जैसी लगती है लेकिन पहनने पर बेहद स्टाइलिश और आरामदायक होती है। खासकर युवतियों और कॉलेज जाने वाली लड़कियों के बीच यह ड्रेस तेजी से पॉपुलर हो रही है।

टी-शर्ट ड्रेस की सबसे बड़ी खूबी इसकी versatility है। इसे आप कैज़ुअल लुक के लिए स्नीकर्स और कैप के साथ पहन सकती हैं या फिर पार्टी लुक के लिए बेल्ट और हील्स के साथ स्टाइल कर सकती हैं। यह गर्मियों के मौसम के लिए बेस्ट है क्योंकि हल्के और सॉफ्ट कॉटन मटीरियल से बनी होने के कारण इसमें आराम महसूस होता है।

आजकल मार्केट में प्रिंटेड टी-शर्ट ड्रेसेस, स्ट्राइप्स वाली ड्रेस और सॉलिड कलर्स की ड्रेस खूब चलन में हैं। साथ ही, ओवरसाइज़्ड टी-शर्ट ड्रेसेस को लड़कियां जैकेट या डेनिम शर्ट के साथ लेयर करके पहनती हैं जिससे लुक और भी ट्रेंडी लगने लगता है।

अगर आप ट्रैवल कर रही हैं तो यह ड्रेस सबसे बेस्ट ऑप्शन है क्योंकि इसमें आसानी से मूव किया जा सकता है और यह कम जगह में पैक भी हो जाती है।

टी-शर्ट ड्रेस एक ऐसा आउटफिट है जो आराम और फैशन – दोनों का परफेक्ट कॉम्बिनेशन है। यही वजह है कि यह 2025 की सबसे ज्यादा डिमांड वाली कैज़ुअल ड्रेसेस में से एक है।

FAQs – भारत में बोले और पहने जाने वाले 50 कपड़ों की कैटेगरी

1. भारत में सबसे ज़्यादा कौन से कपड़े पहने जाते हैं?
भारत में रोज़मर्रा के लिए शर्ट, टी-शर्ट, जीन्स, सलवार-कमीज़ और साड़ी सबसे ज़्यादा पहने जाते हैं।

2. भारत का पारंपरिक पहनावा क्या है?
पुरुषों के लिए धोती, लुंगी, कुर्ता-पायजामा और शेरवानी पारंपरिक पहनावे माने जाते हैं, जबकि महिलाओं के लिए साड़ी, सलवार-सूट, लहंगा-चोली और घाघरा।

3. हर राज्य की अपनी खास ड्रेस क्यों होती है?
क्योंकि भारत में मौसम, संस्कृति और परंपरा अलग-अलग हैं। यही विविधता हर प्रदेश की ड्रेस में दिखाई देती है।

4. क्या भारतीय लोग सिर्फ पारंपरिक कपड़े ही पहनते हैं?
नहीं। भारत में लोग पारंपरिक कपड़ों के साथ-साथ वेस्टर्न आउटफिट्स जैसे जीन्स, टी-शर्ट, ट्रैकसूट और गाउन भी पहनते हैं।

5. शादी में सबसे ज़्यादा कौन से कपड़े पहने जाते हैं?
पुरुष आमतौर पर शेरवानी या सूट पहनते हैं, जबकि महिलाएं साड़ी, लहंगा-चोली या अनारकली ड्रेस पहनना पसंद करती हैं।

6. भारतीय महिलाएं रोज़मर्रा में कौन से कपड़े पहनती हैं?
गांवों में ज़्यादातर महिलाएं सलवार-कमीज़, साड़ी और घाघरा पहनती हैं, जबकि शहरों में कुर्ती, टॉप-जीन्स और वेस्टर्न ड्रेसेस भी आम हैं।

7. भारतीय पुरुषों का पारंपरिक पहनावा कौन सा है?
धोती, कुर्ता-पायजामा, लुंगी, नेहरू जैकेट और शेरवानी भारतीय पुरुषों के मुख्य पारंपरिक कपड़े हैं।

8. क्या साड़ी सिर्फ शादी या त्योहार में ही पहनी जाती है?
नहीं। भारत के कई हिस्सों में महिलाएं साड़ी को रोज़मर्रा की ड्रेस के रूप में भी पहनती हैं, खासकर ग्रामीण और छोटे शहरों में।

9. युवाओं में सबसे ज़्यादा कौन से कपड़े पॉपुलर हैं?
युवाओं में जीन्स, टी-शर्ट, हुडी, ट्रैकसूट और जैकेट सबसे ज्यादा ट्रेंड में रहते हैं।

10. क्या भारतीय कपड़े मौसम के हिसाब से बदलते हैं?
हाँ। गर्मियों में कॉटन और लिनन कपड़े, सर्दियों में स्वेटर और जैकेट, और बारिश में रेनकोट/गमछा आमतौर पर पहने जाते हैं।

11. पारंपरिक कपड़े और मॉडर्न कपड़े कैसे अलग होते हैं?
पारंपरिक कपड़े संस्कृति और परंपरा से जुड़े होते हैं, जैसे धोती और साड़ी। मॉडर्न कपड़े फैशन और सुविधा के हिसाब से पहने जाते हैं, जैसे जीन्स और टी-शर्ट।

12. भारत में बच्चों के लिए कौन से कपड़े ज़्यादा पहने जाते हैं?
बच्चों के लिए फ्रॉक, ड्रेस, नाइटसूट, शॉर्ट्स-टीशर्ट सेट और ट्रैक पैंट्स सबसे आम कपड़े हैं।

13. त्योहारों में लोग कौन से कपड़े पहनना पसंद करते हैं?
त्योहारों में पुरुष कुर्ता-पायजामा और महिलाएं साड़ी, सलवार-सूट या लहंगा पहनती हैं।

14. क्या भारतीय ड्रेस विदेशों में भी पॉपुलर है?
हाँ। बनारसी साड़ी, शेरवानी, नेहरू जैकेट और इंडो-वेस्टर्न आउटफिट्स विदेशों में भी खूब पसंद किए जाते हैं।

15. क्या भारतीय ड्रेस कभी फैशन से बाहर हो सकते हैं?
नहीं। भारतीय ड्रेस समय के साथ नए डिज़ाइन और स्टाइल में आते रहते हैं, लेकिन उनका महत्व हमेशा बना रहता है।

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